महान हिमालय पर्वत के सभी तथ्य The Great Himalay Mountain Facts
भारत के उत्तर में
प्रकृति की बनाई हुई एक विशालकाय दीवार देश की ना केवल ठंड से रक्षा करती है बल्कि
अगर ये दीवार न होती तो अतीत के विदेशी आक्रमणों के कारण हमारे इतिहास की तस्वीर
भी कुछ और ही होती। करोड़ों सालों से अपने मजबूत और अटल इरादों के साथ खड़ा हुआ ये
है महान हिमालय।
इस
पर्वत श्रृंखला की लंबाई 2400 किलोमीटर और चौड़ाई
औसतन 200 किलोमीटर है। और ये असल मायनों में भारतीय उपमहाद्वीप के कुदरती रक्षा दीवार का काम
करती है। जितनी अद्भुत हिमालय पर्वत श्रृंखला है उतनी ही अद्भुत है।
इसके बनने की कहानी आज से 70 मिलियन साल पहले यहां पर एक विशाल महासागर टेथिस हिलोरे ले
रहा था। और ठीक उसी समय धरती की सतह की भारतीय प्लेट हर साल 15 सेंटीमीटर की
रफ्तार से उत्तर दिशा में यूरेशियन प्लेट की तरफ बढ़ रही थी।
इसका नतीजा था अगले 20 मिलियन सालों में इस प्लेट का उत्तरी यूरेशियन प्लेट से जा टकराना टेथिस सागर का यहां से पूरी तरह विलुप्त हो जाना। दोनों प्लेट्स के टकराने से जन्म हुआ हिमालय पर्वतमाला का।
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The Great Himalaya Mountain Facts |
टेथिस महासागर तो इस घटना के परिणामस्वरूप विलुप्त हो गया लेकिन अपने अतीत में होने का
ऐसा सबूत छोड़ गया जिसे नकारा नहीं जा सकता।
आपको ये जानकर बड़ा आश्चर्य होगा कि माउंट एवरेस्ट की चोटी असल में उसी टेथिस सागर के समुद्री चूने के पत्थर से बनी हुई है और आज भी इस एरिया में करोड़ों साल पुराने समुद्री जीवों के फॉसिल्स (Fossils) देखने को मिलते हैं।
महान हिमालय पर्वत के सभी तथ्य The Great Himalay Mountain Facts
आज दुनिया की कुछ सबसे ऊँची पर्वत चोटियां हिमालय में पाई जाती हैं।
सागरमाथा एवरेस्ट और भी न जाने कितने नामों से जाना जाने वाला ये दुनिया का सबसे
ऊँचा पर्वत शिखर है। या यूं कहें कि समुद्र तल से सबसे ऊँची जगह।
साल उन्नीस सौ 53 में तेनजिंग नोर्गे और सर एडमंड हिलेरी के सबसे पहले इस चोटी को अपने कदमों के
नीचे लाने के बाद से हजारों की तादात में खतरों के खिलाड़ी अपनी जान जोखिम में
डालकर इस चोटी को फतह कर चुके हैं।
इस चोटी को जीतने के लिए ना केवल मजबूत जज्बा चाहिए बल्कि किस्मत का साथ
भी बेहद जरूरी है। और किस्मत हर किसी का साथ नहीं देती। ऐसे बहुत से लोग हैं जोकि
एवरेस्ट फतह का खयाल लेकर आये थे और फिर हमेशा के लिए यहीं बर्फ में दब कर रह गये।
हिमालय की चोटियों और ग्लेशियर से पिघलने वाली बर्फ भारतीय उपमहाद्वीप की
कई जीवनदायिनी नदियों को जीवन देती है।
इन ऐतिहासिक नदियों ने कई सभ्यताओं को धूल से उठकर शिखर पर पहुँचने और फिर
से मिट्टी में मिल जाने को बड़े नजदीक से देखा है। विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं
में गिनी जाने वाली सिंधु घाटी सभ्यता हिमालय से निकलने वाली सिंधु नदी के किनारे
ही विकसित हुई थी।
यह प्राचीन सिंधु नदी पहाड़ों के बीच से रास्ता बनाते हुए आज के दिन के
पाकिस्तान में अब भी जिंदा है और अनगिनत लोगों को जीने का सहारा देती है। हिमालय
की कोई भी कहानी गंगा के बिना पूरी हो ही नहीं सकती है।
करोड़ों
हिन्दुओं की आस्था की प्रतीक यह नदी अपने आप में एक महाकाव्य है। ये नदी हिमालय
में अपने उद्गम स्थल से लेकर बंगाल की खाड़ी में मिटने तक हर कदम पर सभ्यता और
संस्कृति की एक नयी चैक गाथा लिखती चली जाती है।
अपने साथ यमुना और ब्रह्मपुत्र जैसी बड़ी नदियों का पानी लेकर जब ये बंगाल
की खाड़ी में गिरती हैं तो वहां दुनिया का सबसे बड़ा नदी
डेल्टा बनता है और सुंदरबन के नाम से जाना जाता है।
हिमालय
की मनमोह लेने वाली चोटियों के बीच कई कांच की तरह साफ नीले रंग की झील भी देखने
को मिलती है। करोड़ों हिन्दुओं और अन्य धर्मों की आस्था से गहराई से जुड़ी हुई
मानसरोवर झील भी यहीं स्थित है।
महान हिमालय पर्वत के सभी तथ्य The Great Himalay Mountain Facts
समुद्र
तल से पाँच हजार मीटर की उंचाई पर स्थित मानसरोवर झील तिब्बत के जिस एरिया में
स्थित है वहां पर अधिकतर खारे पानी की झील ही पाई जाती हैं। ऐसे में मीठे पानी की
मानसरोवर झील का यहां होना बेहद आश्चर्य पैदा करता है।
हिमालय
की गोद में प्रकृति अपने सबसे सुंदर रूप में विद्यमान है और देखने वाले के दिल में
हमेशा के लिए जगह बना लेती है। इतनी खूबसूरत शांत पवित्र जगह संसार में शायद ही
कहीं और देखने को मिलती हो।
मॉनसून
के बिना भारतीय उप महाद्वीप में जीवन की कल्पना भी करना मुश्किल है। और हिमालय के
बिना मॉनसून की। गर्मियों में सूरज की सीधी किरणों के कारण भारतीय उपमहाद्वीप और
तिब्बत का पठार एवं इससे लगते हुए हिस्से गर्म हो जाते हैं।
गर्म
हवा फैलती है और इस वजह से एक बड़ा कम दबाव का क्षेत्र बन जाता है। इस कम दबाव के
कारण अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नम हवाएं भारत पर फैल जाती हैं। हिमालय इन
हवाओं के लिए एक दीवार का काम करता है। और इन्हें रोक कर यहीं बरसने पर मजबूर कर देता
है।
नतीजा जहां भारत में खूब बारिश होती है वहीं हिमालय के उत्तर में तिब्बत
और चीन में बहुत कम वर्षा होती है। और इस कारण वहां पर एक बड़ा सूखा और ठंडा
मरुस्थल बन गया है।
हिमालय
की पवित्र और शांत निश्चल चोटियों कि यहां के जनमानस पर बेहद गहरी छाप देखने को
मिलती है। मानव इतिहास के कई श्रेष्ठ धर्मों में इन चोटियों का एक अलग महत्व है और
इन पहाड़ों के बीच करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक कई पवित्र मंदिर और मठ स्थित
हैं।
महान हिमालय पर्वत के सभी तथ्य The Great Himalay Mountain Facts
हर
साल लाखों तीर्थयात्री अपनी आस्था के दम पर एक कठिन यात्रा को पार करके यहां पर
पहुंचते हैं। बर्फ से ढकी हुई खूबसूरत वादियों के बीच प्राकृतिक माहौल में गूंजती
मंदिरों की घंटियां अध्यात्मिकता का एक ऐसा सम्मोहित कर देने वाला माहौल पैदा करती
हैं जो अपने आप में बेहद अद्भुत है।
इन्हीं पहाड़ों के बीच कुछ महान देश जैसे नेपाल और भूटान बसे हुए हैं। इन
देशों के निवासियों के जीवन पर हिमालय की एक कभी न मिटने वाली छाप आसानी से देखी
जा सकती है।
हिमालय
पर्वत माला दुनिया की सबसे कम उम्र की पर्वत मालाओं में से गिनी जाती है और इसने
हजारों सालों से यहां के निवासियों जीव जंतुओं मौसम पर एक निर्णायक प्रभाव पैदा
किया है।
अगर
ये पर्वतमाला नहीं होती तो भारतीय उपमहाद्वीप का स्वरूप आज की तुलना में कहीं अधिक
अलग दिखाई देता। बरसों से हिमालय इस उपमहाद्वीप के लिए एक सजग पहरेदार के रूप में
अटल खड़ा हुआ है और एक पिता के रूप में जीवन देता रहा है। और यह सिलसिला
आगे भी चलता रहेगा।
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